Insect control
Monitoring and Mass Trapping: Install 25 yellow and 25 blue sticky traps for mass trapping, regularly monitor for aphid incidence and undertake following control measure if ETL of 5-10 aphids per leaf or per shoot for is crossed. Monitoring adult population of Spodoptera litura through pheromone trap 8-10 adults/ha (ETL 1-2 larvae/plant or 5 moths per trap)
Bio-Control Measure:
Aphids/ Thrips | Bio-control: First spray of Neem oil (1500/10000ppm) @ 300 ml/acre and Second spray of Lecanicillium lecanii @ 800 ml/acre in 200 lit of water. |
*Chemical control: Foliar spray with Spirotetramat 150 OD@ 200 ml/acre or Thiamethoxam 25% WG @40 gm/acre or Acetamiprid 20 SP @ 200 gm/acre in 200 lit. of water. | |
Leaf eating caterpillar | Bio Control: First spray of Neem oil (1500/10000ppm) @ 300 ml/acre or Metarhizium anisopliae or Beauveria bassiana (1x109 spores/ml) @ 1200 ml/acre in 200 lit of water. |
Disease control
Downy Mildew | Cultural practices: Give hot water treatment to seed before sowing. |
Powdery mildew | *Chemical control: Foliar spray with Tebuconazole 50% + Trifloxystrobin 25% w/w@ 120gm/acre or Dusting Sulphur (10 kg/acre) or Dinocap (Karathane) 48% EC@ 200 ml/acre in 200 lit. of water. |
Leaf spot | *Foliar spray: Mancozeb 75% WP @ 400 gm/acre in 200 lit. of water. |
*Farmers registered for organic cultivation should not apply chemical control measures
Source: Adapted from ICAR-NRCSS, Ajmer; Department of Agriculture, Jodhpur; Department of Agriculture, Nagaur.
नागोरी पान मैथी की खेती किसानों के लिए खास जानकारी
बुवाई के पूर्व
खेत की तैयारी: मिट्टी की गुणवत्ता को बरकरार रखने के लिए अच्छी तरह घुला हुआ गोबरखाद 20 टन प्रति हेक्टर की दर से इस्तेमाल करें।
बुवाई का समय: बुवाई के लिए सबसे अच्छा समय नवंबर के अंत में है और बेहतर विकास के लिए आदर्श तापमान 10-15 अंश सैल्सियस अच्छा होता है।
प्रजातियां और बीज दर:110-120 किलोग्राम प्रति एकर की दर से हमेशा अच्छी गुणवत्ता वाले पूसा कसूरी के बीज का उपयोग करना चाहिए।
बीज प्रक्रियाः फफूंद जनित रोगों को नियंत्रित करने के लिए ट्राइकोडर्मा विरीडी 10 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज का प्रयोग करें। इसके अलावा माइकोराइजा 10 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से काम में लेकर बीज का इलाज करें जो पौधों के विकास के लिए पोषक तत्वों को बढ़ाने में मदद करता है।
बुवाई से अंकुरण तक
रासायनिक खादः उर्वरक खुराक 16ः16ः8 किलोग्राम नत्र, स्फुरत, पलाश प्रति एकर की दर से इस्तेमाल करें। नत्रजन उर्वरकों को लगाते समय आधी खुराक बुवाई के समय लगानी चाहिए और बुवाई के 30-60 दिन बाद शेष इस्तेमाल करें।
खरपतवार प्रबंधनः दो निराई और गुड़ाई की आवश्यकता होती है, पहली बुवाई के 10-20 दिन बाद, पौधों के पतले होने के साथ और दूसरी निराई बुवाई के 40-50 दिन बाद करें। किसानों को सलाह दी जाती है कि वह उचित खरपतवारनाशी पेंडीमेथालिन 30 प्रतिशत ईसी 1300 मि.ली. प्रति एकर की दर से छिड़काव करे।
पौधें का विकासः बुआई के 40.50 दिन बाद एम्बिशन/500 मि.ली. प्रति एकर या पेप्टो 600 मि.ली. प्रति एकर की दर से छिड़काव करे। पोषक तत्वों की दक्षता का प्रबंधन, पौधें की रक्षा तंत्र में सुधार और फसल के प्रदर्शन को बढ़ाकर फसलों को उनकी वास्तविक क्षमता तक पहुंचने में मदद करता है।
सूक्ष्म पोषक तत्वों: बबुआई के 55.70 दिन बाद फसल की अच्छी बढ़वार और गुणवत्ता बढ़ने के लिए सूक्ष्म पोषक तत्वों ;माइक्रो फूडद्ध 600 मि.ली. प्रति एकर के हिसाब से छिड़काव करे ।
फसल रोपाई के बाद की कार्यनीतियां
कीटों का नियंत्रण
मॉनिटरिंग और मास ट्रैपिंगः बड़े पैमाने पर फँसाने के लिए 25 पीले और 25 नीले चिपचिपे जाल स्थापित करें, नियमित रूप से मोयला की निगरानी करें और यदि 5-10 मोयला प्रति पत्ती या ईटीएल को पार किया जाता है तो नियंत्रण उपाय का पालन करें। फेरोमोन जाल 8-10 जाल प्रति हेक्टर की दर से लगाएं। ;ईटीएल 1-2 इल्ली प्रति पौधा या प्रति जाल 5 पतंगेद्ध के माध्यम से पत्ती खाने वाली इल्ली की वयस्क आबादी की निगरानी करनी चाहिए।
मोयला
नीम के तेल 1500/10000 पीपीएम का पहला छिड़काव 300 मिली प्रति एकर के हिसाब से 200 लीटर पानी के साथ और लेकेनिसिलियम लेकानी 800 मिली प्रति एकर के हिसाब से 200 लीटर पानी में मोयला और थ्रिप्स नियंत्रण के लिए उपयोग करें।
रासायनिक नियंत्रणः स्पैरोटेट्रामेट 150 ओ डी/200 मि.ली. प्रति एकर या थायमेथोक्साम 25 प्रतिशत डब्ल्यूजी 40 ग्राम प्रति एकर या एसिटामिप्रिड 20 प्रतिशत एसपी 200 ग्राम प्रति एकर के हिसाब से 200 लीटर पानी के साथ छिड़काव करे|
पत्ती खाने वाली इल्ली (स्पोडोपटेरा लिटुरा)
जैव-नियंत्राणः इल्ली के शुरुआती चरण में नीम के तेल 1500ध्10000 पीपीएम का पहला छिड़काव 300 मिली प्रति एकर या मेटॅरिजियम एनिसोप्लाएध्बेवरिया बेसियाना (1ग109 बीजाणु/एमएल) 1200 मिली प्रति एकर के हिसाब से 200 लीटर पानी के साथ छिड़काव करे|
रोग नियंत्रण
तुलासीता रोग
शस्य नियंत्रणः बुवाई से पहले बीज को गर्म पानी का उपचार दें।
रासायनिक नियंत्रणः मैनकोजेब 75 प्रतिशत डब्ल्यूपी 400 ग्राम प्रति एकर के हिसाब से 200 लीटर पानी के साथ छिड़काव करे|
छाछया रोग
रासायनिक नियंत्रणः टेबुकोनाजोल 50 प्रतिशत $ ट्राइफ्रलॉक्सिस्ट्रोबिन 25 प्रतिशत / 120 ग्राम प्रति एकर की दर या सल्फर 10 किग्रा प्रति एकर या डिनोकैप (कॅराथेन) 48 प्रतिशत ईसी 200 मिली प्रति एकर के हिसाब से 200 लीटर पानी के साथ छिड़काव करे|
पत्ती धब्बा रोग
जैव-नियंत्राणः स्यूडोमोनास फ्ल्यूरोसेंस 600 मि.ली. प्रति एकर के हिसाब से 200 लीटर पानी के साथ छिड़काव करे
रासायनिक नियंत्रणः मैनकोजेब 75 प्रतिशत डब्ल्यूपी 400 ग्राम प्रति एकर के हिसाब से 200 लीटर पानी के साथ छिड़काव करे
फसल कटाई के बाद की कार्यनीतियां